बुजुर्गों की दिक्कतें (Problems Of Elderly) दूर करने में जुटा दिशा आरोग्य धाम संस्थान
बुजुर्गों (Problems Of Elderly) के दर्द को कम करने के लिए दिशा आरोग्य धाम अब वृद्धाश्रमों को अपग्रेड करने के साथ ही अखिल भारतीय अभियान गांधीवासी सिद्धांतों के अनुरूप स्वस्थ उम्र और दीर्घायु को बढ़ावा दे रहा है। इस पहल से बुजुर्गों के जीवन में खुशियां बिखरने के साथ ही एकाकीपन भी दूर कर रहे हैं। दिशा आरोग्य धाम संस्थान के सचिव पर्क्रतिक चिकित्स्क पंकज रोहिल्ला के अनुसार इसके तहत दिशा आरोग्य धाम आयुर्वेदा एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान (DAD) के विशेषज्ञों की मदद से ‘स्वस्थ उम्र और दीर्घायु’ विषय पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक अखिल भारतीय अभियान शुरू किया है।
यह अभियान भारत की बढ़ती बुजुर्ग आबादी की भलाई को लक्षित करते हुए बीमारियों के खिलाफ निवारक उपायों के रूप में प्राकृतिक उपचार और टिकाऊ जीवन के गांधीवादी सिद्धांतों पर जोर देता है। संस्थान के वैज्ञानिक इस घुटन भरी वायु प्रदूषण में बुजुर्गों के जीवन में खुशियां बिखरने के लिए तत्पर है। दरअसल, उम्रदराज लोगों में डिमेंशिया, पार्किंसंस, डिमेंशिया, अल्जाइमर जैसे रोगों की तीव्रता को प्राकृतिक चिकित्सा कम करते हैं।
- उम्रदराज होने की चुनौतियां
- पहले से मौजूद बीमारियां
- प्रदूषित मौसम का कहर
दिशा आरोग्य धाम (DAD) संस्थान ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है। संस्थान बुजुर्गों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए विशेष कार्यक्रम चला रहा है। इसके अंतर्गत:
- नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच
- आयुर्वेदिक चिकित्सा सुविधाएं
- योग और प्राणायाम कक्षाएं
- विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह
DAD का यह प्रयास बुजुर्गों को स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर रहा है। संस्थान की टीम घर-घर जाकर भी सेवाएं प्रदान कर रही है, ताकि कोई भी बुजुर्ग इन सुविधाओं से वंचित न रहे।
बुजुर्गों के दर्द को कम करने के लिए दिशा आरोग्य धाम अब वृद्धाश्रमों को अपग्रेड करने के साथ
दिशा आरोग्य धाम आयुर्वेदा एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान (DAD) ने वृद्धाश्रमों के आधुनिकीकरण की एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। यह पहल बुजुर्गों के जीवन में गुणवत्ता लाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई है।
प्रमुख पहल के अंतर्गत:
- वृद्धाश्रमों में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का विकास
- प्राकृतिक चिकित्सा केंद्रों की स्थापना
- विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियमित उपलब्धता
- योग और ध्यान के लिए समर्पित स्थान
संस्थान के सचिव पंकज रोहिल्ला के अनुसार, यह अभियान गांधीवादी सिद्धांतों पर आधारित है। DAD के विशेषज्ञों ने ‘स्वस्थ उम्र और दीर्घायु’ पर केंद्रित एक व्यापक कार्यक्रम विकसित किया है।
बुजुर्गों में प्रतिरक्षा प्रणाली और स्वास्थ्य समस्याएँ
भारत में बुजुर्गों की स्थिति चिंताजनक है। वर्तमान में देश में 153 मिलियन वरिष्ठ नागरिक हैं, जो 2050 तक बढ़कर 347 मिलियन होने की संभावना है। इस बढ़ती आबादी के साथ स्वास्थ्य चुनौतियां भी बढ़ रही हैं।
प्रमुख स्वास्थ्य चुनौतियां:
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली
- पोषण की कमी
- मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं
- भावनात्मक एकाकीपन
वायु प्रदूषण से बचाव और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना आज की प्राथमिकता है। बुजुर्गों को प्रकृति से जोड़ने की आवश्यकता है, जो उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
“स्वस्थ बुजुर्ग, स्वस्थ समाज का आधार हैं।”
पोषण और स्वास्थ्य देखभाल पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। बुजु
वृद्धाश्रमों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर रहा है।
दिशा आरोग्य धाम संस्थान ने देश भर के 350 वृद्धाश्रमों में व्यापक स्वास्थ्य शिविरों की शुरुआत की है। यह पहल बुजुर्गों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रमुख गतिविधियाँ:
- प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थ्य परामर्श
- जयपुर और दिल्ली के वृद्धाश्रमों पर विशेष ध्यान
- बुजुर्गों के लिए विशेष स्वास्थ्य कार्यक्रम
संस्थान की टीम अल्जाइमर, पार्किंसंस और डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित बुजुर्गों की मदद कर रही है। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से इन बीमारियों की तीव्रता को कम करने में सफलता मिल रही है।
स्वस्थ उम्र और दीर्घायु के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। बुजुर्गों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए यह प्रयास अत्यंत आवश्यक है।
करोड़ो वृद्ध व्यक्तियों को लाभ मिलेगा
दिशा आरोग्य धाम संस्थान की यह पहल देश भर के वृद्ध नागरिकों के लिए एक नई आशा लेकर आई है। स्वास्थ्य शिविरों में निम्नलिखित गतिविधियां शामिल हैं:
- योग सत्र: विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए डिजाइन किए गए आसन और प्राणायाम
- स्वास्थ्य चर्चाएं: पोषण, जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य पर विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन
- प्राकृतिक चिकित्सा: आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक उपचार विधियां
यह कार्यक्रम वृद्धों की विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को संबोधित करता है:
- रक्तचाप नियंत्रण
- मधुमेह प्रबंधन
- जोड़ों के दर्द में राहत
- नींद की गुणवत्ता में सुधार
- तनाव प्रबंधन
संस्थान का लक्ष्य है कि अगले 5 वर्षों में कम से कम 2 करोड़ वृद्ध नागरिकों तक इन सेवाओं की पहुंच हो।
दिशा आरोग्य धाम, गांधीवादी सिद्धांत और बुजुर्ग आबादी की देखभाल
दिशा आरोग्य धाम एक अनूठी संस्था है जो बुजुर्गों के स्वास्थ्य और कल्याण को समर्पित है। यह संस्थान आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों को गांधीवादी मूल्यों के साथ जोड़कर एक समग्र स्वास्थ्य दृष्टिकोण प्रदान करता है।
आयुर्वेदिक उपचार की विशेषताएं:
- पंचकर्म थेरेपी
- हर्बल मेडिसिन
- आहार परामर्श
- योग और ध्यान
प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से बुजुर्गों को विशेष देखभाल प्रदान की जाती है। इसमें जल चिकित्सा, सूर्य किरण चिकित्सा और मिट्टी चिकित्सा शामिल हैं। ये सभी उपचार विधियां बिना किसी दुष्प्रभाव के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती हैं।
गांधीजी के सिद्धांतों को आधार मानते हुए, दिशा आरोग्य धाम सादगी और स्वावलंबन पर जोर देता है। बुजुर्गों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यहां परंपरागत तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
DAD की पहल और कार्यक्रम
दिशा आरोग्य धाम (DAD) बुजुर्गों की समस्याओं को समझने और उनके समाधान के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रहा है:
- स्वास्थ्य जांच शिविर: नियमित स्वास्थ्य परीक्षण और निःशुल्क दवाएं
- योग और प्राणायाम कक्षाएं: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए विशेष सत्र
- मनोवैज्ञानिक परामर्श: अकेलेपन और उदासी से निपटने में सहायता
- पौष्टिक आहार कार्यक्रम: संतुलित भोजन और पोषण संबंधी मार्गदर्शन
DAD ने बुजुर्गों के लिए 24×7 हेल्पलाइन सेवा भी शुरू की है। यह हेल्पलाइन आपातकालीन चिकित्सा सहायता और भावनात्मक समर्थन प्रदान करती है। संस्था ने वृद्धाश्रमों में रहने वाले बुजुर्गों के लिए विशेष सुविधाएं भी विकसित की हैं, जिनमें फिजियोथेरेपी और आयुर्वेदिक उपचार शामिल हैं।
भावनात्मक चुनौतियां
दिशा आरोग्य धाम संस्थान की निदेशक डॉ. संगीता फोगट ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। आधुनिक एकल परिवार व्यवस्था में बुजुर्गों को कई भावनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है:
- अकेलापन और सामाजिक अलगाव
- पारिवारिक संबंधों में कमी
- मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
संस्थान ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया है:
“शारीरिक स्वास्थ्य के लिए प्रकृति की ओर मुड़ें और भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए समुदाय की ओर लौटें”
संस्थान की प्रमुख पहल:
- समुदाय-निर्माण कार्यक्रम – बुजुर्गों को सामाजिक सहयोग प्रदान करना
- स्कूली बच्चों का सहयोग – युवा पीढ़ी को वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल के प्रति संवेदनशील बनाना
- योग और प्राकृतिक चिकित्सा
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
दिशा आरोग्य धाम संस्थान बुजुर्गों की दिक्कतों को कैसे दूर कर रहा है?
दिशा आरोग्य धाम संस्थान बुजुर्गों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए वृद्धाश्रमों को अपग्रेड कर रहा है और वायु प्रदूषण के प्रभाव से उन्हें बचाने हेतु विभिन्न उपाय कर रहा है।
बुजुर्गों को इस मौसम में किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है?
इस मौसम में बुजुर्गों को उम्र, बीमारियों और वायु प्रदूषण के कारण तिहरी मार झेलनी पड़ रही है, जिससे उनकी स्थिति और बिगड़ रही है।
क्या दिशा आरोग्य धाम का कोई विशेष अभियान है?
हाँ, दिशा आरोग्य धाम एक अखिल भारतीय अभियान चला रहा है जो गांधीवासी सिद्धांतों के अनुरूप स्वस्थ उम्र और दीर्घायु को बढ़ावा देता है।
बुजुर्गों के दर्द को कम करने के लिए दिशा आरोग्य धाम क्या कदम उठा रहा है?
दिशा आरोग्य धाम वृद्धाश्रमों को अपग्रेड करने के साथ-साथ बुजुर्गों के दर्द को कम करने के लिए विशेष चिकित्सा और देखभाल सेवाएं प्रदान कर रहा है।
वायु प्रदूषण का बुजुर्गों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
वायु प्रदूषण बुजुर्गों की स्वास्थ्य स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित करता है, जिससे उनकी बीमारियाँ बढ़ सकती हैं और जीवन की गुणवत्ता में कमी आ सकती है।
इस पहल से बुजुर्गों के जीवन में कौन सी सकारात्मक परिवर्तन हो रहे हैं?
इस पहल से बुजुर्गों के जीवन में खुशियां बिखरने लगी हैं, जिससे उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर हो रहा है।